भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मोर सपना के गाँव / शकुंतला तरार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शकुंतला तरार |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:42, 15 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण

हाना-हाना मा डोले मोर सपना के गाँव
पाना-पाना हा बोले महतारी के नाव

झुनुक झेंगुरा हर गावे फुदुक टेटका मगन
आनी-बानी के फूल इहाँ हरियर उपवन
बाना-बाना मा बोले मोर सपना के गाँव
पाना-पाना हा बोले महतारी के नाव


धरे नांगर तुतारी धनहा बीजहा माटी
धरती दाई के दुलरवा के भुईयाँ थाती
गाना-गाना मा झूमे मोर सपना के गाँव
पाना-पाना हा बोले महतारी के नाव


ऐंठी,चूरी, महावर छिंटही लुगरा पहिरे
तीजा-पोरा मा ठमके बेनी फुंदरा झुमरे
रीति-रीति मा गावे मोर सपना के गाँव
पाना-पाना हा बोले महतारी के नाव

चंदा सुरूज चमके कोयली कुहुक गावे
भाखा- बोली मया के इहाँ मंदरस घोरे
ताना-बाना मा झूले मोर सपना के गाँव
पाना-पाना हा बोले महतारी के नाव