"इतना सारा कुछ / हेमन्त कुकरेती" के अवतरणों में अंतर
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तो कुछ चीज़ों के बारे में
इसीलिए जान सका कि वे मेरे पास नहीं हैं
एक शोर है चारों तरफ़ मचा हुआ कि
मुझे उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है
सुख ऐयाशी में बदल गया है
चुराये, लूटे या ठगे बिना
मिलना सम्भव नहीं रहा ईमानदारी से
हालाँकि ईमानदारी के बारे में भी काफ़ी शोर है
कई तरह की ईमानदारी
सब ईमानदार हैं अपनी नज़र में
दूसरे बेईमान हैं
क्योंकि उनकी ईमानदारी में नहीं आते
एक सजावटी औरत बताती है कि वह
मेरे मनोरंजन के बारे में चिन्तित है
पर हम दोनों को पता नहीं कि
हमारी ख़ुशियों की चाबी किसके पास है
डॉक्टर बताते हैं कि मुझे विटामिन्स की ज़रूरत है
और मेरा शरीर चीखता है कमी खून की है
चक्कर खाकर जो मैं गिर पड़ा तोा यह नहीं कि
नज़रें कमज़ोर हैं बल्कि
रीढ़ की हड्डी सीधी रखना भूल गया
कभी न मिल सकी
और भुला दी गयी चीजे़ इतना शोर कर रही हैं कि
जो पास में हैं उन्हें इस्तेमाल करना दूर
याद रखना मुश्किल हो रहा है