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"परीक्षा में प्रार्थना-पत्र / हेमन्त कुकरेती" के अवतरणों में अंतर

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15:34, 17 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण

स्तब्ध है परीक्षा-भवन
प्रश्न हैं कई जिन्हें उत्तर होना चाहिए
उत्तर हैं कुछ ऐसे जो प्रश्नों से भी ज़्यादा कठिन हैं

मैं फिर पहुँचा देर से
डिस्टर्ब हुए सिर झुकाये परीक्षार्थी
परेशानी में पड़ गये निरीक्षक
हाज़िरी भेजी जा चुकी है कण्ट्रोल-रूम
मैं अनुपस्थित होकर भी वहाँ हूँ
अन्दर आने दिया उन्होंने सौ झंझटों के बाद
रोल नम्बर ने मुझे जगह दी बैठने की
परिचय-पत्र ने शिनाख्त की मेरी

पत्र लिखने का प्रश्न करते हुए मैंने सोचा
कई तरह के पत्र लिखने पड़े हैं मुझे
जितने लगते हैं आसान होते नहीं हैं
दुख यह कितना बड़ा कि उतने दोस्त नहीं लौटे ज़िन्दगी में वापस
लौट आयीं चिट्ठियाँ तमाम: फिर भी जवाबी कम ही मिले

नौकरी के लिए आवेदन किया: प्रेम का निवेदन
घर को बचाने के लिए पत्र लिखा
बीमारी के वक्त माँगा अवकाश
प्रार्थना के विरोध में खड़ा एक आदमी
सभी पत्रों में गिड़गिड़ाता रहा

मैंने तय किया किसी भी पत्र में
शीघ्र कृपा करके अनुकूल होने की याचना नहीं करूँगा

मैं हर बार की तरह लिखूँगा
प्रार्थी-हेमन्त कुकरेती
हर बार की तरह पढ़ा जाएगा-क,ख,ग