"परमात्मा की याद / नज़ीर अकबराबादी" के अवतरणों में अंतर
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इस अर्ज़ो समां<ref>पृथ्वी और आकाश</ref> के अर्से<ref>बीच</ref> में यह जितना खच्चम खच्चा है।
यह ठाठ तुझी ने बांधा है, यह रंग तुझी ने रच्चा है।
हैवान<ref>जानवर</ref>, पखेरू<ref>पक्षी</ref>, नर नारी, क्या बूढ़ा बालक बच्चा है।
क्या दाना<ref>बुद्धिमान</ref> बीना<ref>देखने वाला</ref> भरा, क्या भोला नादां कच्चा है।
कुल आलम<ref>संसार</ref> तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥1॥
कोई ख़ालिक<ref>पैदा करने वाला</ref> बारी<ref>पैदा करने वाला</ref> रब<ref>पालने वाला</ref> मौला<ref>मदद करने वाला</ref> रहमान<ref>माफ़ करने वाला</ref> रहीम<ref>कृपालु</ref> अल्लाह तँगरी<ref>अल्लाह तुर्की भाषा में</ref>।
कोई अलख रूप करतार कहे निरकाल नाम धरी।
कोई राम राम कहकर सुमरे कोई बोले शिव शिव हरी हरी।
कोई दाना<ref>बुद्धिमान</ref> दीनत, देव अटल, कोई राक्षस देवत जिन्न परी।
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥2॥
दरियाओ<ref>नदियाँ</ref> समुन्दर झील नहर नद्दी नाले डबरे<ref>छिछला गड्ढा जिसमें पानी</ref> जौहर।
सीपी, घोंघे, कौड़ी, मोती, घड़ियाल और नाके, सोंस, मगर।
जोंके, भैंसे, गोहें, झींगे, मुर्गाबी, बत्तख, बैल अम्बर।
क्या लाची, परवी और भँवर, क्या कछ, मछ और क्या जी जन्तर।
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥3॥
फुलवारी, बाड़ी, बाग़, चमन है सबको याद तेरी ही भली।
तू माली, वाली, रखवाली क्या बिरछ फली क्या पेड़ बली।
कोई माला फेरे, कोई सुमिरन है सबके दिल में याद घुली।
क्या चोटी, जड़, क्या फल, कोपल, क्या टहनी पत्ता कली-कली।
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥4॥
हुशियारी दाना मस्त सटर<ref>तुच्छ, छोटा, मोटा</ref> अग़यार<ref>ग़ैर लोग</ref> नज़र, नाक़िस<ref>अपूर्ण, ख़राब</ref> क़ामिल<ref>पूर्ण, होशियार</ref>।
सरदार ग़रीब अदना आला ज़ीरक<ref>अक्लमंद, दाना</ref> सियाना नादां ग़ाफ़िल।
रम्माल<ref>रमल करने वाला। भविष्य की बातें बिन्दियों द्वारा बताने की विद्या</ref> नजूमी<ref>ज्योतिषी</ref> घड़ियाली मुल्ला ब्राह्मन पंडित आक़िल<ref>बुद्धिमान</ref>।
क्या बंद महनदस<ref>महंत</ref> अब्जद<ref>पढ़ा लिखा</ref> दां, क्या आलिम<ref>योग्य</ref> फ़ाज़िल<ref>योग्य</ref> क्या जाहिल<ref>मूर्ख</ref>
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥5॥
सैयाद सवाबित<ref>ठहरे हुए सितारे</ref> लौहो क़लम जिन्नात अदन फ़िर्दोस<ref>स्वर्ग</ref> फ़लक<ref>आकाश</ref>।
ख़ुर्शीद<ref>सूरज</ref> से ले महताब<ref>चांद</ref> तलक महताब से ले ख़ुर्शीद तलक।
आसार<ref>खंडहर</ref> तबाए<ref>प्रकृतियां, तबीयतें</ref> क़ोसोजदी मीज़ाने असद सर्तान हरयक।
क्या रिज्वां<ref>जन्नत का दारोगा, स्वर्गाध्यक्ष</ref> ग़िल्मां<ref>स्वर्ग के बालक</ref> जन्नत के क्या अर्श<ref>आसमान</ref> बरी क्या हूरो<ref>स्वर्ग की सुन्दर स्त्रियां</ref> मलक<ref>फ़रिश्ता</ref>
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥6॥
है दश्त<ref>जंगल</ref> बयाबां<ref>चटियल मैदान</ref> और वादी<ref>घाटी</ref> अर्सा मैदाँ सहरा<ref>रेगिस्तान</ref> जंगल।
वीराना पर्वत झाड़, शजर<ref>पेड</ref> बूटी, झाड़ी पेड़ और जबल<ref>पहाड़</ref>।
पीलू, पाखर, नरमा, सेंभल, कचनार, संभालू, बड़, पीपल।
क्या अब्र<ref>बादल</ref> हवा, क्या बर्क़<ref>बिजली</ref> घटा, क्या दल बादल क्या जल और थल।
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥7॥
राबेल, नगेर और मौलसिरी, मद मालति बेला और समन<ref>चमेली का फूल</ref>।
दोपहरी, गेंदा, गुुललाला<ref>एक फूल</ref> नाफ़रमा<ref>कहना न मानने वाला, एक फूल</ref> करना, बान मदन।
जाई, जुई, शब्बो नरगिस, सिंगार चमेली सीम-बदन<ref>चांदी जैसे शरीर वाला</ref>।
क्या फूल गुलाबी गुलतूर्रा क्या डेला बांसा सुख दर्सन।
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥8॥
अंगूर, संगतरा, नारंगी, बरसेव सदाफल, सीताफल।
नारंज झम्बेली और कोले खट्टे मीठे कमरख गुलगुल।
आम, इमली, जामुन, मल्लकरी बादाम, छुहारे और जाफल।
क्या गूलर, खट्टे, मौलसिरी क्या शफ़तालू क्या कटहल, बड़हल।
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥9॥
गुढ़पंख कुलंग और बारकोई सारस, बगुला, कोयल, तीतर।
सुखऱ्ाब तरमती ज़ाग़ो ज़ग़न सीमुर्ग़ और सारस, मोर, सफ़र।
बहरी, लग्घड़, तोता, मैना, हुद-हुद, शिकरे, बाशे, तीतर।
क्या बुलबुल, कुमरी, लाला बया, क्या मक्खी, भुनगा और मच्छर।
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥10॥
गज, गेंडा, अरना<ref>भैंसा</ref> शेर पिलंग<ref>तेंदुआ</ref> आहू<ref>हिरन</ref> हिरनी रोब<ref>लोमड़ी</ref> गीदड़।
सीपी<ref>घोंघे आदि की जाति का एक जल जन्तु</ref> न्योला<ref>नेवला</ref>, साँड़ा<ref>एक प्रकार का जंगली जानवर जिसकी चरबी काम में आती है</ref>, बिच्छू, अफ़ई<ref>काला सांप</ref>, चीतल<ref>एक प्रकार का हिरन जिसके शरीर पर चित्तियां होती हैं अथवा अजगर की जाति का एक प्रकार का सांप</ref> चित्ती<ref>एक प्रकार का सांप</ref>, अज़दर<ref>अज़दहा</ref>।
कज, कूही, पाढ़ा<ref>एक प्रकार का हिरन, चित्रमृग</ref> गर्ग चरख़<ref>एक शिकारी जानवर</ref>, गिरगिट चलपा सेब<ref>दरिन्दे जानवर</ref> मूशोदिगर<ref>चूहा</ref>।
क्या जल मानस, क्या बन मानस, क्या हाथी, घोड़ा पील<ref>हाथी</ref> शुतर<ref>ऊँट</ref>।
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥11॥
अब्दाल<ref>भक्त</ref> कुतुब<ref>ऋषि</ref> और ग़ौस<ref>महात्मा</ref> वली<ref>महात्मा, मित्र</ref> है ध्यान में तेरे दिल सबका।
क्या ज्ञानी, ध्यानी, नारद मुनि क्या जोगी जंगम गुरु चेला।
तू पालने वाला है सबका और सबका तुझसे ध्यान लगा।
क्या शाह ‘नजीर’ और क्या राजा क्या मुफ़लिस<ref>गरीब</ref> क्या कंगाल गदा।
कुल आलम तेरी याद करे तू साहब सबका सच्चा है॥12॥