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"मुरली राजत अधर पर / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर

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15:23, 30 जनवरी 2016 का अवतरण

मुरली राजत अधर पर उर विलसत बनमाल।
आय सोई मो मन बसौ सदा रंगीले लाल॥
सीस मुकुट कर मैं लकुट कटि तट पट है पीत।
जमुना तीर तमाल तर गो लै गावत गीत॥
वृज सुकुमार कुमारिका कालिन्दी के तीर।
गल बाँही दीन्हे दोऊ हँसत हरत भवपीर॥