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"साच बतादे भठियारी इन बालका की मा कित सै / मेहर सिंह" के अवतरणों में अंतर
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वार्ता- सज्जनों उधर अम्बली को सौदागार ले जाता है। इधर जब पत्ते लेकर राजा अम्ब सराय में आता है तो भठियारी से क्या पूछता है-
साच बतादे भठियारी इन बालकां की मां कित सै।टेक
ईब यो देख्या दुःख नया
जीव किसा फंदे बीच फह्या
तेरै दया नहीं सै हत्यारी म्हारा जाण नै राह कित सै।
जाणै ईश्वर कद सम्भालै
बंधगे जनम मरण कै पालै
अधम बिचालै डूबगी म्हारी बता कंठारे पै ना कित सै।
ईब या क्युकर बात बणै
जाणै कद ईश्वर टेर सुणै
म्हारी तनै सै आबसे तारी, यो घर मालक कै न्याय कित सै।
म्हारी करणी मैं पड़ग्या भंग
डूब ना रहया जीवण का ढंग
मेहर सिंह करले खेती क्यारी, फेर गावण का चा कित सै।