भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तुम आओगी / निदा नवाज़" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निदा नवाज़ |अनुवादक= |संग्रह=अक्ष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:37, 12 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
स्वागतम
मैं जनता था
तुम अवश्य आओगी
और इसीलिए
मैंने पहले ही से
खोल रखे थे
दिल के किवाड़
और स्वयं
इस दिल के प्रवेश-मार्ग पर
बैठा था
तुम्हारे स्वागत के लिए
कि तुम आओगी
और जलाओगी
इस अंधकारमय दिल में
प्रेम-दीप।