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"उपहार / निदा नवाज़" के अवतरणों में अंतर

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12:37, 12 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण

मेरे लिए
हर दिन जन्म लेती हो
तुम
कोमल सुबह बन कर
हरियाली के चेहरे पर
ओस बनकर
मैं हर सुबह
चुनता हूँ
कुछ स्मृति-बूंदें
अपने भविष्य के लिए
इस कारण हर दिन
तुम्हारा जन्म-दिन है
मेरे लिए
और मैं हर दिन
देता हूँ तुम्हें
एक नया उपहार
एक नई भावना
कभी आंसुओं की माला
कभी एक नई कविता.