भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आओ मेरे पास / निदा नवाज़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निदा नवाज़ |अनुवादक= |संग्रह=बर्फ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:09, 12 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण

आओ मेरे पास
मैं बताउंगा
कैसे अटक जाता है काँटा
मछली के गले में
और छलनी हो जाता है
एक पूरा समुद्र

आओ मेरे पास
मैं दिखाउंगा
कैसे जलाए जाते हैं
आतंक की आग में
विशवास के सारे मूल्य

आओ मेरे पास
मैं सुनाऊंगा
कैसे सूली चढ़ाया जाता है
अंधों के शहर में सूर्य
और की जाती है पूजा
अँधेरी रात की

आओ मेरे पास
मैं समझाऊंगा
कैसे लुढ़क जाता है
हमारे संविधान का पहिया
संसद जाने वाली सड़क के
बीचो-बीच

आओ मेरे पास
मैं बताउंगा
कैसे चाट रहे हैं
पुलिस प्रशासन के दीमक
बापू के अहिंसा ग्रन्थ का
एक-एक पन्ना.