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"मूर्ति / निदा नवाज़" के अवतरणों में अंतर

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13:13, 12 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण

मैं दुखों की छैनी से
तराशता हूँ अपनी
जीवन शिला
और एक दिन
खड़ी हो जाती है
मेरे समक्ष
स्वयं मेरी मूर्ति
दुखों की नाशक बनकर.