भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"एलियन / निदा नवाज़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निदा नवाज़ |अनुवादक= |संग्रह=बर्फ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:44, 12 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण

इस विशाल ब्रम्हाण्ड में फैले
असंख्य कहकशाओं में
बिखरे असंख्य ग्रहों में
कहीं न कहीं होगी
एक एलियन बस्ती
एलियन सभ्यता
एलियन संस्कृत
होंगे तो वे ज़रूर
अनेक जगहों पर
लेकिन
क्या उनके भी होंगे दिल
उनकी भी होंगी भावनाएं
क्या वे भी करते होंगे प्यार
किसी का इंतिजार
क्या वे भी देखते होंगे सपने
बस्ते होंगे यादों में
क्या उनके भी होंगे
अनेक धर्म, अनेक विचार
फिर क्या
वहां भी होती होंगी
लडाइयां, नफ़रतें
और मारधाड़.