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नानी के गोड़थारी में
बीस अठन्नी थारी में
बैठी छाँह-छहारी में
कुत्ता भूकै बारी में
चार फूल छै डारी पर
जैतै वहू उधारी में
पड़ियैं कभी नै गारी में
ई रं मारामारी में
गोड़ दबाबें नानी के
टाका मिलतौ चानी के।