भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मोॅर-मसाला / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमरेन्द्र |अनुवादक= |संग्रह=तुक्त...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:18, 6 मई 2016 के समय का अवतरण
नाना जी रोॅ लम्बा दाढ़ी
धनियोॅ, जीरोॅ, लौंग, सुपाड़ी
मंगरैलोॅ नै बुझै अनाड़ी
धनियोॅ जीरोॅ लौंग, सुपाड़ी
मिरचां, मरिच जिहै दै फाड़ी
धनियोॅ, जीरोॅ, लौंग, सुपाड़ी
तेजपत्ता के भारी नाड़ी।
धनियोॅ, जीरोॅ लौंग, सुपाड़ी
सौंफ चिबाबंे झाड़ी-झाड़ी
धनियोॅ, जीरोॅ, लौंग, सुपाड़ी।