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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

नीमियां के डार माता हे- लागली रे हिंडोरवा कि
लागली रे हिंडोरवा।
झूलनेॅ के आइली न- माता हे पाँच बहिन शीतल माय
झूलनेॅ को आइली न।
कौन मैया झूलत कौन मैया झूलावत।
कौनी मैया चौर डोलावै- झूलनेॅ के आइली न।
मैया हे पाँच बहिन शीतल माय- झूलनेॅ के आइली न।
शीतल मैया झूलत मधुमालत मैया झूलावत।
धनसर, फूलसर चौर डोलावत।
झूलनेॅ के आइली न।
झूलत-झूलत माता रे लागली पियासवा-
कि लागली रे पियासवा- तनी एको सेवका पानिया रे पिलावोॅ
तनि एको।
पाँच हाथोॅ के डोरिया पचीस हाथोॅ के कुँआ
पचीस हाथोॅ के कुँआ।
कैसे-कैसे मैया भरबै नीर-पानियां कैसे-कैसे।
पाँच हाथोॅ के कुआँ पचीस हाथोॅ के डोरिया-
पचीस हाथोॅ के डोरिया
झूमी-झूमी सेवका भरावै नीर पनियाँ- झूमी-झूमी।
पानियाँ पिलौनी मैया किए देवै दानमा-
किए देवै दानमा
तबेॅ हम्मे मैया पिलौवौ नीर पानियाँ-
तबेॅ हम्म...
पानियाँ पिलौनी सेवका कानेॅ दोनों सोनमा-
कानेॅ दोनों सोनमा...
आरू देवौ सेवका गल्ले निरमल हारवा-
आरू देवौ...
अगिया लगैवौ मैया कानेॅ दोनों सोनमा
से कानेॅ दोनों सोनमा...
बजड़ा तेॅ खसैबौ निरमल हारबा-
बजड़ा तेॅ...
हमहूँ जे लेवै मैया हाथहूँ के यशवा
से हाथहूँ यशवा...
तबेॅ हम्में मैा पिलैवौ नीर पानियां
तबेॅ हम्में...
देयो जे देलियौ सेवका हाथहूँ के यशवा...
मुल्केॅ -मुल्केॅ सेवका लेवे मोर नाममा-
मुल्केॅ-मुल्ल्केॅ।