"बांसोॅ के दौउरिया / अंगिका" के अवतरणों में अंतर
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=अंगिका }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:52, 12 मई 2016 के समय का अवतरण
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
तर्ज- खेमटा
काँखेॅ धरि लेली मलिनियां
बाँसेॅ के दौउरिया से बाँसेॅ के दौउरिया।
चली भइली मालिन राजा के फूलबगिया
चली भइली।
एकेॅ कोसेॅ गइली मलिनियां
गइली दुई कोसवा-2
तेसरी कोसेॅ मालिन राजा फूलबगिया
तेसरी कोसेॅ।
खोचा भरी तोड़ली मलिनियां दौउरियो भरी तोंड़ली
दोउरियो भरी तोड़ली।
आवी गेलै वहाँ राजा के सिपहिया-
आवी गेलै।
केकरा हुकुम मालिनियां आइली तौहू बगिया-2
केकरा के...
हुकुम तोड़ली फूलवा केकरा के।
बाबा के हुकुमेॅ सिपहिया आइली हम बगिया
से आइली हम बगिया-
मैया के-
हुकुमेॅ तोड़ी फूलवा-
मैया र्के-
खोचाा भरी छीनले सिपहिया
दौउरियो भरी छीनले।
पकड़िए लेले अब साड़ी के अचरवा-
पकड़िए लेले।
छोडू- छोडू छोड़ सिपहिया-
हमरो अचरवा से हमरो अचरवा।
रोतेॅ रोतेॅ मोरा गोदी के बालकवा।
रोतेॅ होतेॅ।
कच्ची तोर उमेरिया मलिनियां
अल्प तोर वयसवा से अल्प तोर वयसवा
कैसे- कैसे मालिन गोदी होलौं बालकवा
कैसे- कैसे।
बारहीं बरस सिपहिया
होलै मोर गौउनमा से
होलै मोर गउनमा।
पिया घरेॅ गोदी होलै मोर बालकवा-
पिया घरेॅ।
छोडू- छोडू- छोड़ सिपहिया
हमरोॅ अचरवा सें
हमरोॅ अचरवा
रोतेॅ होतेॅ मोरा गोदी के बालकवा
रोतेॅ होतेॅ।
देहूँ- देहूँ- देहूँ मलिनियां फूलवा के दाममा से
फूलवा के दाममा।
तबेॅ हम्मेॅ छोड़वौ- तोहरो अचरवा
तबेॅ हमेॅ।
कर जोरि विनती करै
मैया से अरजवा से
मैया से अरजवा- आवेॅ कैसे मैया बचतै मोर लजवा...
आवेॅ कैसे।
अवला विपत सुनी
पहुँची गेली मैया-
पहुँची गेली मैया-
मैा गिनेॅ लागी
खनखन हीरा मोती रूपैया
गिनेॅ लागी।
देखी केॅ बुढ़िया मैया केॅ
चकित भइलै सिपहिया से
चकित भइलै सिपहिया
माफ करोॅ आजु कसूर मोर मैया
माफ करोॅ।
सुनेॅ- सुनेॅ- सुनेॅ सिपहिया
हमरोॅ कहनमा से हमरोॅ कहनमा
कवहूँ ना
करवे भक्त के अवमनमा
कवहूँ ना...
फूलववा लिए मलिनियां
अइली जब घरवा से
अइली जब घरवा।
गूथेॅ लागी- मालिन रंग बिरंग हारवा
गंूथेॅ लागी।
मलवा गूंथिए मलिनियां
आनन्द विभोरवा से
आनन्द विभोरवा।
डाली देलन मालिन-
सभ्भे माय के गलवा।
डाली देलन।