भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"शरद हाँसै ठठाय / ऋतुरंग / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमरेन्द्र |अनुवादक= |संग्रह=ऋतुरं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

03:22, 27 मई 2016 के समय का अवतरण

शरद हाँसै ठठाय।
लागलोॅ छै बीहा के पानी, बौराय
शरद हाँसै ठठाय।

धानोॅ के हरका पटोरी पिन्ही केॅ
बूलै छै एकपैरिया राह डेग धरी केॅ
कखनू तेॅ नद्दी तक दौड़लो चली जाय
शरद हाँसै ठठाय।

पानी में बगुला केॅ छेड़ै बहियावै
काँचोॅ रङ पानी में मछली दौड़ाबै
घुट्टी भर पानी में धतर-पतर धाय
शरद हाँसै ठठाय।

झोरकीं कवरंगा केॅ ललचीकेॅ ताकै
आरो दुपहरिया में पोखरी में झाँकै
रँझको बँसविट्टी में खँजड़ी बजाय
शरद हाँसै ठठाय।

-25.10.95