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पिन्ही केॅ माथा पर
नीलम के मुकुट
आरो गल्ला मेॅ हीरा के चमचम हार
कभी नील वस्त्र नीचेॅ
कभी ओकरोॅ ऊपर
कत्तेॅ शोभै छै
पावस के राजकुमार।
धोलोॅ-धोलोॅ पर्वत
धोलोॅ-धोलोॅ जंगल के पात
नया-नया दुबड़ी सें भरलोॅ परात
गोड़ धोऐ लेॅ बही गेलै नद्दी
लागै छै डँड़कस
गल्ला केरोॅ बद्धी।
कथी के तुतरू
कथी के पिपही, कथी केरोॅ मृदंग
कथी केरोॅ बाजै ढोल
राजकुमार मेघ के अभिषेक में
पपीहा केरोॅ तुतरू
चकोर केरोॅ पिपही
बेंग केरोॅ मृदंग
हाथी केरोॅ ढोल बाजै
मयूर, चातक, चकोर
कुकुरमुत्ता-वीरबधूटी
मालती-मौलश्री
हाथी के चित्कार
मेघ के राज्याभिषेक मेॅ
झिंगुर बजाबै अद्भुत झाल।