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ढेर कल्पना, बड्डी आशा
तोरा पर रहै विश्वास हो नेता
यही जमीन के लोग सिनी नें
तोरा बनैलखौन खास हो नेता
तोरा उठैलखौन, तोरा चढ़ैलखौन
धरती सें आकाश हो नेता
कथिलेॅ?
कैन्हों बीन्हामा छेल्हौ
कठमस्ता गामा छेल्हौ
काम तोरोॅ करै छेलौं
दस बेरी मरै छेलों
तोरोॅ संग साथ करी
आपनोॅ कमैलोॅ धन
दौलत बेहाथ करी
दिन-रात एक करी
मार करी, पीट करी
केत्तेॅ केॅ चीट करी
पेटी भरैलेॅ छिहौं
तोरा जितैलेॅ छिहौं
कथिलेॅ?
जीती केॅ तेॅ गेलोॅ छोॅ
घुरी केॅ नै ऐलोॅ छोॅ
जहिया चुनाव रहौं
माथा के घाव रहौं
हरदम्मे आवै रहौ
सबकेॅ भरमावै रहौ
झुट्ठे-मुट्ठे सब्भे केॅ
नौकरी दिलावै रहौ
गाड़ी में आपनोॅ तोंय
सबकेॅ घुमावै रहौ
बुतरू नाखी सब्भे केॅ
तोहें फुसलावै रहौ
कथिलेॅ?
मुँहोॅ में बोल कहाँ
जनता तेॅ बेकूफ छै
बोलै लेॅ चाहै मतर
डरोॅ सें चुप-चुप छै
तों बड़ा दानी रहौ
रुपिया-रुपिया लुटावै रहौ
गेठी सें पैसा दै
खर्चो चलावै रहौ
मतलब सें सब्भै केॅ
दारुओ पिलबावै रहौ
आदत लगबाबै रहौ
कथिलेॅ?
आशा जराय देल्हौ
आदत लगवाय देल्हौ
मौखिक भरोसा के
कागजी दिलासा के
कुंइयौं खन्हाय देल्हौ
पानी निकल्हौं नैं
होकरा भथवाय देल्हौ
सौंसे आबंटन के
रुपयो सब खाय गेल्हौ
घूमी-घूमी गाम भरी
पैरवी-पैगाम भरी
फर्जी सब काम भरी
सेवा देखलाय देल्हौ
कथिलेॅ?
पाँच बरस बाद फेरू
घुरी केॅ ऐभौ तोंय
झुट्ठा रङ किरिया भी
ओन्है फेरू खैभौ तोंय
देशोॅ के नामोॅ लेॅ
बस आपनोॅ कामोॅ लेॅ
नारा लगैभोॅ तोंय
घुरी-घुरी वही गीत
फेरू सें गैभोॅ तोंय
अपना केॅ जनता के
सेवक बतैभोॅ तोंय
कथिलेॅ?
धरम आरू जाति में
जनता केॅ तोड़ी केॅ
बस आपनोॅ हित लेली
आपनोॅ दिश मोड़ी केॅ
रैली करावै छोॅ
लाखो-करोड़ो के
थैली लुटावै छोॅ
धन-बल के ताकत सें
सबकेॅ भरमावै छोॅ
कभी आपनोॅ बोली सें
गुण्डा आरू गोली सें
दहशत फैलावै छोॅ
कथिलेॅ?
जनता के सेवक बनी
दिल्ली में जुटै छोॅ
पाँच बरस मिली केॅ
देशोॅ केॅ लूटै छोॅ
जनता केॅ तोड़ी केॅ
दगा करावै छोॅ
अपनोॅ स्वार्थ-सिद्धि लेॅ
बंदी करवावै छोॅ
आपन्हैं में सब्भै केॅ
सबसें लड़बावै छोॅ
देशोॅ के नामोॅ पर
झंडा उड़ावै छोॅ
कथिलेॅ?
सीधी-सादी जनता छै
मरी-मरी जीयै छै
पानी के बदला में
लहुवे जना पीयै छै
आशा दिलैलेॅ रहौ
मनोॅ में सब्भै के
फूलो खिलैलेॅ रहौ
सुक्खी गेल्हौं फूल आरू
आशा बिलाय गेल्हौं
भीतर के असल रूप
तोरोॅ देखाय गेल्हौं
आबेॅ जों ऐभौ तेॅ
वही गीत गैभौ तेॅ
सब्भे कुछ छीनी लेभौं
माथा के एक-एक
बाल तोरोॅ बीनो लेभौं
आबेॅ नै जनता के
धोॅन तोरा खावेॅ देभौं
चीन्ही गेल्हौं सब्भै नें
जीती केॅ ने जावेॅ देभौं।