"कारगिल शहीद के नाम / दिनेश बाबा" के अवतरणों में अंतर
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश बाबा |अनुवादक= |संग्रह=हम्म...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:10, 1 जून 2016 के समय का अवतरण
आय महाभारत रङ फेरू
विश्वयुद्ध मँडरावै छै
एटमबम सें पाकिस्तानें
भारत केॅ धमकावै छै
मानलौं है बंदरघुड़की छै
पर होकरोॅ विश्वास कहाँ
जन्मजात छै आक्रान्ता हौ
ऐसने छै इतिहास यहाँ
कहाँ शराफत छै शरीफ में
जें बुनकै दुश्मनी के बीज
विषखोपड़ा रहनुमा पाक के
बेसी छै सरताज अजीज
जेकरोॅ सूरत के पीछू छै
गजनी, गोरी आरू तैमूर
पाक रहनुमा के है सपना
करी देना छै चकनाचूर
आका जेकरोॅ अमेरिका छै
चाचा छेकै पड़ोसी चीन
ख्वाब हजारो बरस लड़ै के
देखी रहलोॅ छै नमकीन
बड्डी छै नापाक इरादा
बल्हौं नाम रखलकै पाक
भारत सें जे ढीस लेनें छै
आपन्हैं जरी केॅ होतै खाक
आज तलक होलोॅ छै एन्हें
सत्ता-पल्टी के सब खेल
कोय केकर्हौ दिलैलक फांसी
कोय केकर्हौ दिलवाय छै जेल
घुसपैठिया के देखोॅ ढिठाई
घुसलोॅ रहै जे बनी केॅ चोर
करगिल, द्रास, बटालिक में
छेड़कै युद्ध महा घनघोर
ताकत नैं जें पहिचानै छै
व्यर्थ करलकै जौनें रार
लड़ी केॅ देखलक तीन बेर वें
हरदम भेलै होकरे हार
छेकै पुजारी जे शांति के
होकरा खोंच लगैलेॅ छै
नासमझी सें पाकिस्तानें
सुतलोॅ शेर जगैलेॅ छै
कहैछै भारत के हर वासी
देश लेली कुरबानी देवै
उत्साही हर युवा कहै छै
हम्हूं आपनोॅ जवानी देवै
कहै छै द्रास, बटालिक जैवै
सबकेॅ मारी देवै भगाय
देश-विदेश के घुसपैठिया केॅ
दिन्हैं में तारा देवै दिखाय
मोॅन करै छै फ्रंट पर जाय केॅ
पिपरी नांखी बोहारी दौं
एक-एक सब घुसपैठिया केॅ
पकड़ी-पकड़ी केॅ मारी दौं
भारत सें उलझै के नतीजा
हुवेॅ नवाज के हेकड़ी हेंठ
अटलजी के जौं हुवेॅ इशारा
पाक के होय जाय मटियामेट
बार-बार हरसान करै के
होकरा सबक सिखाय दियै
एक बेर हुमची केॅ होकरोॅ
नाम-निशान मिटाय दियै
चप्पा-चप्पा पर खाड़ोॅ छै
जहाँ पर फौजी रक्षक-वीर
सदा छेलै, रहतै भारत के
कायम बाजू रङ कश्मीर
आक्रान्ता सें नैं समझौता
नैं बजथौं इक हाथ सें ताली
बहुत सब्र करकै भारत नें
अब कश्मीर करोॅ खाली
कहै छै भारत नें ललकारी
तोड़ोॅ सपना, जागी जा अब
चीन, अमेरिका काम नैं देथौं
कश्मीर सें भागी जा अब
माय बाबू जोॅन बेटा देलकै
बहन केॅ ही भैय्या पर गरूर
जहाँ सोहागिन पत्नी तक नें
दै छै माँगोॅ के सिंदूर
जे भी जान निछावर करकै
देश के हित में करकै काम
ऐन्हें नर-नारी केॅ ‘बाबा’
के विनम्र कोटिशः प्रणाम।