भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जन गण मन / श्रीस्नेही" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीस्नेही |अनुवादक= |संग्रह=गीत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:42, 7 जून 2016 के समय का अवतरण

जन-गण-मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता।
पंजाब सिंध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग,
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंगा।
तव शुभ नामे जागे, तब शुभ आशीष मांगे,
गा हे तब जय गाथा!
जन-गण-मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता।
जयहे, जयहे, जयहे, जय जय जय जय हे!