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मन्द्राचल, मंदार पहाड़
ऊँच्चोॅ, जेना कि सौ गो ताड़
कत्तेॅ कत्तेॅ कुण्ड यहाँ
पशु-पक्षी के झुण्ड यहाँ।
गाछ-बिरिछ भी पाँते-पाँत
काँटो कहीं दिखावै दाँत
मूरत खुदलोॅ ठामे-ठाम
मन्दिर कतना ललित ललाम।
चौदह रत्नोॅ केरोॅ खान
यहाँ रहै विष्णु भगवान।