भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पवन ने कहा / कुमार विश्वास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार विश्वास |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

10:53, 14 जून 2016 के समय का अवतरण

पवन ने कहा
सौंप दो मुझे
अपना सब सत्व
तमस व रजत
चाहती हूँ मैं
स्वयं से जोड़ना
तुमको
यही होगी गति उत्तम
शब्द सार्थक
नियति उत्तम
किन्तु मुझे करना
क्षमा तुम
मैं रहूंगी – वहीं
अपने चन्दन वन में
बहूँगी वहीं
तुम्हारी धरती पर
आ नहीं सकती
अभी मैं
कभी मैं
किन्तु फिर भी
मैं सदा उत्सुक हूँ
तुमसे सहज
व्यापार हेतु
प्यार हेतु!