भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चिडिया चटाचट बोले / ब्रजभाषा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=ब्रजभाष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

03:24, 15 जून 2016 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चिडिया चटाचट बोले, पटापट बोले,
बधायो मेरे अँगना में डोले॥-2
पहलो बधायो ससुर घर आयो,
सासु न मुख से बोले, बधायो मेरे अँगना में डोले॥ चिडिया...
दूजो बधायो जेठ...