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"लोहे का घर: दो / शरद कोकास" के अवतरणों में अंतर

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20:51, 1 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

 
फुटबोर्ड पर लटककर
यात्रा करते हुए
याद आती हैं
सुविधाजनक स्थान पर बैठकर
की गई यात्राएँ
आरक्षित बर्थ पर लेटे हुए
याद आती हैं
फुटबोर्ड पर लटक कर
सही जगह की तलाश में
की गई यात्राएँ
उसी तरह जैसे
सुविधाओं से युक्त जीवन में
गर्दिश के दिनों की याद
पैदा करती है रूमानियत।