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लागै छै उप्पर के मुंशी बेमार भेल
सूरज चनरमा छै तइयों अन्हार भेल
जैहिया सैं उप्पर के शासन बदल्लै हो
सब देवी देवता के आसन बदल्लै हो
घर के गोसइयाँ त धूंइयें संे भागल हो
मुरझुलवा फुलझरिया होय गेल पागल हो
ठोक-ठोक खेलै छै बुढ़िया कपार खेल
लागै छै उप्पर के मुंशी बेमार भेल।
सभ्भै नच्छत्तर त कैर लेलक साटा हो
लेल्लक समेट अपन सोली सपाटा हो
निच्चां के घुसखोरी उपरो में गेलै हो
खाद आरो पानी बिन कुच्छो नै भेलै हो
छुच्छे पटाकी सन सौंसे बिहार भेल
लागै छै उप्पर के मुंशी बेमार भेल।
नबका ऊ मुंशी कै सूझै न पाकै छै
पूरब में बैठल छै पच्छिम में ताकै छै
सोंट तनी गाँजा के घण्टे में ताने छै
मौसम के बारे में कुच्छो नै जानै छै
औंधे छै रात-दिन हाबा बहार भेल
लागै छै उप्पर के मुंशी बेमार भेल।
टीपै के कोन स्वीच टीप देलक केकरा
वर्षा के ओर-छोर भूइल गेल ओकरा
हावा केय बंद कैर सूइत गेल मुंशी
गुम्मस सैं होय गेल भैर देह फुंशी
मरलै के जरलै नै ओकरा ढकार भेल
लागै छै उप्पर के मुंशी बेमार भेल।
गर्मी त ऐसन कि आगी के गोला
जैर गेल गाँव-शहर, डैह गेल टोला
बाढ़ आरो वर्षा में डूइब गेलौ सौंसे
औंधे छै मुंशी जी होय केॅ ऐकौंसे
बैह आब पानी में सौंसे बिहार गेल
लागै छै उप्पर के मुंशी बेमार भेल।
छोयर देलक मुंशी जी पुरबा बियारी
चैयल गेल तीन कोश पीयै लेॅ तारी
नींसां में दाय्ब देलक बट्टम तुफानी
सूइत गेल चार चीत कैर करिस्तानी
भागल सब छोय्ड़ छाइड़ जब बेसम्हार भेल
लागै छै उप्पर के मुंशी बेमार भेल।
गे बुधनी भाग-भाग नै छुटतौ पानी
ऊड़न खटोला पर छिटकै छौ चानी
नेता फोटधिचवा ऊ फेर काल्ह ऐतौ
संगें में तोहर ऊ फोटो घिचैतौ
पेटवा के आगी नै कोन्नो जोगार भेल
लागै छै उप्पर के मुंशी बेमार भेल।