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"ललक / स्वरांगी साने" के अवतरणों में अंतर

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01:40, 5 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

(1)
तुम्हारे प्यार को
मैं विंडशीटर की तरह पहनना चाहती हूँ
ताकि सख्त से सख्त हवा का सामना कर जाऊँ

(2)
केवल रेनकोट साथ होने से आ जाता है हौंसला
तुम्हें मैं इस तरह
अपने साथ चाहती हूँ

(3)
छाते की तरह अपने ऊपर चाहती हूँ
कि तुम बचा लो सारे झंझावातों से मुझे
पहन लूँ सन कोट की तरह
बच जाऊँ झुलसने से मैं

(4)
सच कहूँ तो
मैं
हर मौसम में
बस तुम्हें पाने की ललक भर बन जाना चाहती हूँ।