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"ऑपरेशन के बाद / हरीशचन्द्र पाण्डे" के अवतरणों में अंतर

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04:47, 5 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

बाहर अटूट देखते रहने के बाद भी
नहीं भरा हिया
परस भी चाहिए उसे परस

आँखें दिपदिपाता खरगोश का ये बच्चा हरी घास में
रूठ कर दहाड़ मरती दो दाँतोंवाली ये बच्ची
ये हुमक-हुमक कर दूध पीता बछड़ा
ये सिर उचकाते फूलों के पुंकेसर...

गोकि हाथ काँप रहे हैं अशक्त
लेकिन छूकर ही मिलना है तोष

...मौत को अभी-अभी उसने
अपनी बच्चेदानी देकर लौटाया है।