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"छतरी के नीचे मुस्कराहट / राकेश रोहित" के अवतरणों में अंतर

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13:37, 5 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

छतरी के नीचे मुस्कराहट थी
जिसे उस लड़की ने ओढ़ रखा था,
उसकी आँखें बारिश से भींगी थी
और ऐसा लग रहा था जैसे
भींगी धरती पर बहुत से गुलाबी फूल खिले हों!

जैसे पलकों की ओट में
छिपा था उसका मन
वैसे छतरी ने छिपा रखा था
उसके अतीत का अंधेरा।

पतंग की छांव में एक छोटी सी चिड़िया
एक बहुत बड़े सपने के आंगन में खड़ी थी।