भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"उसको लेकर तनाव है अब भी / ओम प्रकाश नदीम" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम प्रकाश नदीम |अनुवादक= |संग्रह= }}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=ओम प्रकाश नदीम
 
|रचनाकार=ओम प्रकाश नदीम
 
|अनुवादक=
 
|अनुवादक=
|संग्रह=
+
|संग्रह=सामना सूरज से है / ओम प्रकाश नदीम
 
}}
 
}}
 
{{KKCatGhazal}}
 
{{KKCatGhazal}}

22:55, 16 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

उसको लेकर तनाव है अब भी
यानी उससे लगाव है अब भी

पार पाना ग़मों का मुश्किल है
मुझमें इतना बहाव है अब भी

सीना ताने हैं क्या बताएँ मगर
कुछ न कुछ तो झुकाव है अब भी

लोग पहले ही सा समझते हैं
मुझमें वो रखरखाव है अब भी

फ़िक्स हैं रेट जाने कब से मगर
सोच में मोल-भाव है अब भी

फ़ासला कम तो हो गया लेकिन
रास्ते में घुमाव है अब भी