भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"धाम क्षेत्र / शब्द प्रकाश / धरनीदास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धरनीदास |अनुवादक= |संग्रह=शब्द प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:39, 21 जुलाई 2016 के समय का अवतरण
इष्ट कहीजै श्रीरघुनाथ। क्षेत्र अयोध्या सदा सनाथ।
चित्रकूट जाकी रमशाला। धाम रमेश्वर प्रगटे काला॥
कूटी पंचवटी गोदावरि। मंत्र राम-तारक ले उर धरि॥
इतना जो गुरु द्वारे पावे। रामानन्दी रामहिँ भावै॥