भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"खेलत गगन ज्ञान मतवाला / संत जूड़ीराम" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संत जूड़ीराम |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:55, 29 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

खेलत गगन ज्ञान मतवाला।
अधर अनूप पुरुष को डेरा है भरपूर अजब रंग शाला।
त्रिखूटी जोत निरंजन दीखे सोई गुण गावत वेद रसाला।
पूरनधाम नाम जिन चीनो निस दिन पियत अमी रस प्याला।
जूड़ीराम नाम के सुमरे व्यापत नहीं जगत के जाला।