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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
भागल मलीनियाँ जाइ छै
भौरानंद हाथी लग सेँ
भागल मलीनियाँ जाइ छै
भौरानंद हाथी लग से हय।
आहौ सुनि बरननमा
आहौ सुनि बरनमा ने भौरानंद हाथी के
सुनीयो बरननमा प्रेमी सब
भौरानंद हाथी पर ने हय।