भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वक्त / पवन चौहान" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पवन चौहान |अनुवादक= |संग्रह=किनार...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

23:19, 8 अगस्त 2016 के समय का अवतरण

वह आया
और चला भी गया
मैंने उससे कहा भी
दो घड़ी मेरा इंतजार तो कर
मुझे कुछ कार्य
कुछ सपने, कुछ यादें
समेटने बाकी हैं अभी
वह मेरी बात पर मुस्कुराया
और बिना रुके कह गया
भविश्य मेरे इंतजार में खड़ा है
और मुझे अभी
बहुत से कार्यों, सपनों, उम्मीदों को
जन्म देना है बाकी।