भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मेरी ख़ुशी / विनीता परमार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनीता परमार |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:37, 7 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

प्यार है मुझे उससे
वो कौन है?
है एक जिसे हमदर्द बनाना
चाहता हूँ,
कहा रहती है वो?
पता नही?
पर कभी कभी मेंरे पास भी रहती है।
कैसी है वो?
उसे देखा नही बस
महसूस किया है
कमबख्त जिन्द्गी का अहसास कराती है,
जब भी करीब होती है
अपनेपन की याद दिलाती है
उसके होने की समझ में ही जी लेने में मजा है,
है मेरी वो खुशी
आती है और चली जाती है।