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अकबर-ए-आज़म जी दरॿार
ऐं हुस्न जी सरकार
पोइ बि
अनारकलीअ खे जीअरे ई
दफ़न थियणो पियो
भारत जी दुलहन - देहली
ऐं मुंहिंजे घर जोड़ण वारी
आला ‘मूअन जे दड़े’
वारी सभ्यता,
पोइ बि
मां सिंधिणि
बेघर बणिजी
दर-दर ठोकरूं
खाई रही आहियां।