भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कंगाल पथिक / शिवनारायण / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवनारायण |अनुवादक=अमरेन्द्र |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
02:39, 27 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
कोय्यों हौलेॅ सें हाँक देलकै
आरो हम्में
भावलोॅ भावोॅ के साथ
लौटी गेलां
तहियो
हेनोॅ लागै छै
कि
हमरोॅ कोय छाया नै
दिन के खसला पर
कभियो-कभियो
एक नटखट हवा
हमरोॅ टोपी
उड़ाय लै जाय लेॅ चाहै छै
कि
टोपी में
छुपलोॅ कंगाल पथिक
सिर सें गोड़ तांय
लाजोॅ सें लाल होय जाय छै।