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"कमाई / वासदेव मोही" के अवतरणों में अंतर

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चमन भाई!
रामलो अजुकल्ह ॾाढो खोस आहे
खूब पैसा थो खरचे
पर चमन भाई
हुनजी जोरू
ॾाढी माठि हून्दी आहे
नईं नईं आई
पेई खिलन्दी हुई
केॾी नेक आहे
चवन्दी हुई हिते
बेवड़े जी वास आहे
जी मिचलाए ािो
पर चमन भाई
हाणे जे कॾहिं ॻाल्हाईन्दी आहे
त हुन जे मुहं मां बेवड़े जी
वास पेई ईन्दी आहे
पर पीतल न हून्दी आहे
चमन भाई
ही रामलो
हेतिरनि सारनि संगितियुनि खे
झोपे में छो थो आणे!