भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वण जी छांव / वीना शृंगी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वीना शृंगी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatSin...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

18:29, 1 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

मां घाटे वण जी छांव आहियां
हर राही रहगुज़र लाइ राहत आहियां।
पर.... पोइ बि... हरकंहिं
मुंहिंजा छोॾा लाथा आहिनि।