भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सोझिरो / अर्जुन ‘शाद’" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्जुन मीरचंदाणी 'शाद' |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
01:29, 7 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
हिक सोझिरे जी सिक
सालनि खां सीने अंदर खणी
हलंदर आयासीं;
पर किनि खे ऊँदहि सां इश्कु आहे
सोझिरे जे अचण जा इम्कान ॾिसी
ऊँदहि खे सोझिरे मथां उछिलाइण लाइ
ॾींहु रात हिकु करे रहिया आहिनि!