भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आज़ादगीअ जी आग / हूँदराज दुखायल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हूँदराज दुखायल |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:47, 13 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

सर्गस लाइ

तर्ज़: नहीं रखणी, नहीं रखणी ........

थल्ह: ना हटिजो, ना हटिजो, ऐ जवान हिन्दी ना हटिजो।

टुकरा टुकरा जान भले कनि, गांधीअ जो फरमान,
हिन्दी ना हटिजो। ना हटिजो ........।

नेठि त मरिणो आहे अज़ीजो, पोइ छा जो अरमान,
हिन्दी ना हटिजो। ना हटिजो ........।

कॾहिं कंदा ही भारतु प्यारो, आज़ादीअ आस्थान,
हिन्दी ना हटिजो। ना हटिजो ........।

जंग शुरू आ सत्याग्रह जी, मारियो बिना मैदान,
हिन्दी ना हटिजो। ना हटिजो ........।

जंग में जवानो, तीर, तरारूं, कीन खपनि किरपान,
हिन्दी ना हटिजो। ना हटिजो ........।

आहे अहिंसा तेग़ अव्हां लइ, सब्र संदो सामान
हिन्दी ना हटिजो। ना हटिजो ........।

अची ‘‘दुखायल’’ मुरकी थींदा, क़ौम मथां कुर्बान,
हिन्दी ना हटिजो। ना हटिजो ........।