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हिंडोले झूलत दोऊ सरकार
श्री मिथिलेश लली संग राजत श्री अवधेश कुमार।
दामिनि गरजि गरजि घन बरसत रिमझिम पड़त फुहार॥
झुकि झुकि लाल लली मुख निरखत मानत मोद अपार।
मानहुँ अरुण ‘बिन्दु’ पंकज पर भ्रमत भ्रमर बहुबार॥