भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फूलन सेजिया लगावल / धनी धरमदास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धनी धरमदास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatAng...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

04:23, 21 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

(सोहर)

फूलन सेजिया लगावल, पिया संग बैठलूँ हे।
सखिया! आबि गेल बैरन नींद, पिया उठि कहाँ गेलन हे॥1॥
बहियाँ पसारी पिया उर लाऊँ, पिया नहिं मिलल हे।
सखिया! रैन सोचत भेल भोर, धीरज कैसे बाँधब हे॥2॥
नैया भेल झाँझरि, जमुना में बढ़िया आयल हे।
सखिया! केकरी बोहरिया हम लागब, दिवस गँवायब हे॥3॥
अल्प वयस दुख भारी, बिरह उर सालेय हे।
सखिया! दिन दुर्दिन भेल, मोर पियवा बिछुड़ल हे॥4॥
जब-जब सुधि आबै पिया के, छतिया कड़क उठै हे।
सखिया! धर्मदास विश्वास, कबीर गुरु पावल हे॥5॥