भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्यार का नाता / विनोद तिवारी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनोद तिवारी (हरदोई) |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:13, 21 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

ज़िन्दगी के मोड़ पर यह प्यार का नाता हमारा।
राह की वीरानियों को मिल गया आखिर सहारा।

            ज्योत्सना सी स्निग्ध सुन्दर, तुम गगन की तारिका सी।
            पुष्पिकाओं से सजी, मधुमास की अभिसारिका सी।

रूप की साकार छवि, माधुर्य्य की स्वच्छन्द धारा।
प्यार का नाता हमारा, प्यार का नाता हमारा।

            मैं तुम्ही को खोजता हूँ, चाँद की परछाइयों में।
            बाट तकता हूँ तुम्हारी, रात की तनहाइयों में।

आज मेरी कामनाओं ने तुम्हे कितना पुकारा।
प्यार का नाता हमारा, प्यार का नाता हमारा।

            दूर हो तुम किन्तु फिर भी दीपिका हो ज्योति मेरी।
            प्रेरणा हो शक्ति हो तुम, प्रीति की अनुभूति मेरी।

गुनगुना लो प्यार से, यह गीत मेरा है तुम्हारा।
प्यार का नाता हमारा, प्यार का नाता हमारा।