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"सलि पिरीली / मीरा हिंगोराणी" के अवतरणों में अंतर

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छो चवनि सूरज खे ॾाॾो,
चवनि चंड खे मामो,
सलि तूं हीअ पिरोली,
मुहिंजी मिट्ठड़ी अम्मां।

ॾे थो चंडु असां खे थाघलि,
खूब मीहुं वसाइिन बादल,
तपी गुस्से में थे सिजु लाल,
सलि तूं हीअ पिरोली अम्मां...

झले हथ में जादूअ प्यालो,
करे थी कुदरत जी तमाशो,
ॻालिह समझ खां बाहिर अम्मां।
सलि तूं हीअ पिरोली अम्मां...