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हिकु-हिकु गुल गॾिजी,
ठहंदो आ गुलदस्तो
मिले बूंद सा बूंद त,
थिए सागर जो पसारो।
ऊंचो कयो देश जो नालो,
हथ में हथु मिलाए।
सबकु एकता जो ही उमदो,
अचो पढ़हायूं जॻ खे ॿारो।
जाति-पाति खे कयूं कैद,
लॻायूं एकता जो नारो!!