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पोपटु पर फड़काए थो,
गुलनि ते फेरियूं पाए थो,
ॿारनि खे विंदुराए थो।
छा खाए ऐ छा पिए थो,
कहिं खे कीन बुघाए थो।
पोपटु पर...
परनि ते रंगनि जी रंगोली,
करे थो सैरु बग़ीचे जी,
मन खे इएं लुभाए थो
पोपटु पर...
डुको-डोड़ो हथि न अचे,
गुलनि मथां ॼणु मोरु नचे,
ॿारनि खे खूबु डोड़ाए थो,
पोपटु परफड़काए थो!!
(तितली)