भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रिम-झिम बादल आया / मीरा हिंगोराणी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीरा हिंगोराणी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:24, 1 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
रिमझिम-रिमझिम बादल आया,
कुडं/दा-टपंदा बादल आया।
थियो सरहो मनु धरतीअजो,
सावकि जी सौग़ात ॾई विया,
बिजलीअ जी चम्काट करे विया...
रिमझिम...
टिड़िया गुल-फुल बाग़नि में,
छाई बहारी खेतनि में,
सावकि जी सुरहाण ॾई विया...
रिमझिम...
आया वढी बारात बूंदुनि जी,
झोलीअ में डा-ति पाणीअ जी,
मनु मुहिंजो गुलज़ारु करे विया...
रिमझिम-रिमझिम बादल आया!