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"खेॾूं होली / मीरा हिंगोराणी" के अवतरणों में अंतर

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सतनि रंगनि जो सजी रंगोली,
आसमान में उॾियो गुलालु,
आई हुड़दंगनि जी टोली,
अचोत ॻॾिजी खेडूं/ होली...

कढूं वेरु-भावु दिलियुनि भां,
समनिखे गले लॻायूं,
भरियूं प्रेम-पिचकरी,
अचो त गुॾिजी खेडूं....

रंगनि जो ही ॾिणु आ नियारौ,
भरयूं दिलियुनि उत्साहु उजालो,
चवे थी मुरिकी होली,
अचो त गुॾिजी खेडूं/ होली...

गुरु गोबिंद जी शक्ति होली,
भक्ति आ पहलाज जी होली,
कयो फॻुण सींगारु होली,
अचो त गुॾिजी खेडूं/ होली।