भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गुलाबु / मीरा हिंगोराणी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीरा हिंगोराणी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:28, 1 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

गुलनि जो राजा आहि गुलाबु,
कंडनि में खुश रहे गुलाबु।

ॻाड़हा पीला ऐं अछा नीला,
हर किस्म जा थियनि गुलाब।

ॾे थो नियापो प्रेम जो,
ख़ज़ानो खुशबू जो गुलाबु।

पखेड़े मधुर-मधुर सुरहाण,
बहार बाग़नि जी गुलाबु।

मुखड़ा ॿारनि जा हरदमु,
रहनि टिड़ियल, जींअ टिड़े गुलाबु।