भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"रासि रचाई / मीरा हिंगोराणी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीरा हिंगोराणी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:30, 1 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण

घणई कटोरियूं खाई खीरणी,
साणु अठ-अठ पूरियूं,

पीतईं मथां दिलो पाणीअ जो,
मामे पेट में तह ॼमाई।

पियसि पेट में सूर त,
मामो घर खां ॿाहिर आयो,

आणे ॾे पुट हाज़मोला,
सूर आ जानि तपाई।

लॻे पियो तुहिंजे मामीअ जे,
गिह में ॿुॾल पूरियुनि,
अॼु पेट में रासि रचाई।